à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार अधिनियम १९१९, तैयार कर रही साउथबोरोह समिति के समकà¥à¤·, à¤à¤¾à¤°à¤¤ के à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ के तौर पर अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° को गवाही देने के लिये आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया गया। इस सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ के दौरान, अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° ने दलितों और अनà¥à¤¯ धारà¥à¤®à¤¿à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये पृथक निरà¥à¤µà¤¾à¤šà¤¿à¤•à¤¾ (separate electorates) और आरकà¥à¤·à¤£ देने की वकालत की। १९२० में, बंबई से , उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• मूकनायक के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ की शà¥à¤°à¥‚आत की। यह पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ जलà¥à¤¦ ही पाठकों मे लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ हो गया, तब अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° ने इसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² रूढ़िवादी हिंदू राजनेताओं व जातीय à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ से लड़ने के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनैतिक समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ की अनिचà¥à¤›à¤¾ की आलोचना करने के लिये किया। उनके दलित वरà¥à¤— के à¤à¤• समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ के दौरान दिये गये à¤à¤¾à¤·à¤£ ने कोलà¥à¤¹à¤¾à¤ªà¥à¤° राजà¥à¤¯ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ शासक शाहू चतà¥à¤°à¥à¤¥ को बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया, जिनका अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° के साथ à¤à¥‹à¤œà¤¨ करना रूढ़िवादी समाज मे हलचल मचा गया।
अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° ने अपनी वकालत अचà¥à¤›à¥€ तरह जमा ली और बहिषà¥à¤•à¥ƒà¤¤ हितकारिणी सà¤à¤¾ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ की जिसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ दलित वरà¥à¤—ों में शिकà¥à¤·à¤¾ का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° और उनके सामाजिक आरà¥à¤¥à¤¿à¤• उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिये काम करना था। सनॠ१९२६ में, वो बंबई विधान परिषद के à¤à¤• मनोनीत सदसà¥à¤¯ बन गये। सन १९२ॠमें डॉ॰ अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° ने छà¥à¤†à¤›à¥‚त के खिलाफ à¤à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• आंदोलन शà¥à¤°à¥‚ करने का फैसला किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• आंदोलनों और जà¥à¤²à¥‚सों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, पेयजल के सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• संसाधन समाज के सà¤à¥€ लोगों के लिये खà¥à¤²à¤µà¤¾à¤¨à¥‡ के साथ ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡à¤‚ अछूतों को à¤à¥€ हिंदू मंदिरों में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने का अधिकार दिलाने के लिये à¤à¥€ संघरà¥à¤· किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महड में असà¥à¤ªà¥ƒà¤¶à¥à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को à¤à¥€ शहर की पानी की मà¥à¤–à¥à¤¯ टंकी से पानी लेने का अधिकार दिलाने कि लिये सतà¥à¤¯à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ चलाया।
१ जनवरी १९२ॠको अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° ने दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ आंगà¥à¤² - मराठा यà¥à¤¦à¥à¤§, की कोरेगाà¤à¤µ की लडा़ई के दौरान मारे गये à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनिकों के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ में कोरेगाà¤à¤µ विजय सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• मे à¤à¤• समारोह आयोजित किया। यहाठमहार समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से संबंधित सैनिकों के नाम संगमरमर के à¤à¤• शिलालेख पर खà¥à¤¦à¤µà¤¾à¤¯à¥‡à¥¤ १९२ॠमें, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना दूसरी पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ बहिषà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ शà¥à¤°à¥‚ की और उसके बाद रीकà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥à¤¡ जनता की। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बाà¤à¤¬à¥‡ पà¥à¤°à¥‡à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚सी समिति मे सà¤à¥€ यूरोपीय सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ वाले साइमन कमीशन १९२८ में काम करने के लिठनियà¥à¤•à¥à¤¤ किया गया। इस आयोग के विरोध मे à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤° में विरोध पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤¯à¥‡ और जबकि इसकी रिपोरà¥à¤Ÿ को जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नजरअंदाज कर दिया गया, डॉ अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° ने अलग से à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के संवैधानिक सà¥à¤§à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के लिये सिफारिशों लिखीं।
1927 तक, अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° ने असà¥à¤ªà¥ƒà¤¶à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के खिलाफ सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ आंदोलन शà¥à¤°à¥‚ करने का फैसला किया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• पेय जल संसाधनों को खोलने के लिठसारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• आंदोलनों और मारà¥à¤š के साथ शà¥à¤°à¥‚ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हिंदू मंदिरों में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने के अधिकार के लिठà¤à¤• संघरà¥à¤· à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‚ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने असà¥à¤ªà¥ƒà¤¶à¥à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के अधिकार के लिठशहर के मà¥à¤–à¥à¤¯ जल टैंक से पानी निकालने के लिठलड़ने के लिठमहाड में à¤à¤• सतà¥à¤¯à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ का नेतृतà¥à¤µ किया। 1927 के अंत में समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में, अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° ने जाति à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ और "असà¥à¤ªà¥ƒà¤¶à¥à¤¯à¤¤à¤¾" को वैचारिक रूप से नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¸à¤‚गत बनाने के लिठकà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¿à¤• हिंदू पाठ, मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ (मनॠके कानून) की सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• रूप से निंदा की, और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने औपचारिक रूप से पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ पाठकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ जला दीं।[12] 25 दिसंबर 1927 को, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हजारों अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का नेतृतà¥à¤µ मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ जलाया।[13] इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· 25 दिसंबर को मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ दहन दीन (मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ बरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग डे) के रूप में अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और दलितों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मनाया जाता है।
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